क्यों मच रहा है बवाल भावांतर भुगतान योजना की जांच को लेकर

अक्षर सम्राट, छिंदवाड़ा

यह तो सभी जानते हैं कि भावांतर भुगतान योजना ने  कई किसानों की जिंदगी बदल दी है लेकिन यह कम लोग ही जानते हैं कि इस योजना ने उन अधिकारी और कर्मचारियों की जिंदगी भी बदल दी है जो इससे जुड़े रहे हैं। इस योजना के लागू होने के बाद छिंदवाड़ा मंडी में न सिर्फ कई कर्मचारियों के आलीशान बंगले बन गए बल्कि आज वे चौ पहिया वाहनों में घूम रहे हैं और लग्जरी लाइफ जी रहे हैं । लेकिन क्या बात है कि जब जब इस योजना के क्रियान्वयन की जांच की बात आती है तो  बवाल मचना शुरू हो जाता है।

कभी व्यापारियों का विरोध तो कभी जांच दल पर दबाव बनाने राजनीतिक दल मंडी तक सफर तय करने लगते हैं। हाल ही में छिंदवाड़ा मंडी में भी ऐसा ही वाकया देखने को मिला। जो कांग्रेस नेता पिछले 15 सालों से मंडी के रास्तों से नहीं गुजरे वे भावंतर की जांच करने पहुंचे दल पर दबाव बनाने के लिए मंडी पहुंच गए। इससे कई शंकाओं को बल मिलता है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंडी अधिकारियों से एक कांग्रेस नेता ने हाल ही में कुछ ऐसे काम करवाये हैं जो नियमविरुद्ध हैं।  इस कांग्रेसी नेता ने कई किसानों को भावंतर का लाभ दिलवाने के लिए मंडी अधिकारियों पर जमकर दबाव बनाया। बताया तो यहां तक जाता है कि इस नेता ने अधिकारियों से फोन पर तू तड़ाक से बात की। इसे लेकर यह अधिकारी और कर्मचारी बेहद तनाव में हैं।  इस नेता का स्पष्ट कहना था कि अब सरकार कांग्रेस की है, यदि काम नहीं हुए तो अधिकारी और कर्मचारी अपने तबादले के लिए बोरिया बिस्तर बांध लें। सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि उक्त नेता अपने एक वरिष्ठ के नाम पर मंडी अधिकारियों और कर्मचारियों से भावंतर की कमाई में अपना हिस्सा मांग रहे हैं।

कर्मचारियों की संपत्ति की हो जांच

इस मामले में जानकार बताते हैं कि व्यापारियों और किसानों की जांच के बजाय सबसे पहले मंडी में कार्यरत कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की संपत्ति की जांच की जानी चाहिए। छिंदवाड़ा से लेकर जबलपुर और भोपाल तक जो दक्षिणा चली है वह किस-किस की जेब में ठहरी है इसकी जांच बेहद जरूरी है। क्योंकि  इन कर्मचारियों की शह पर ही यह पूरा खेल खेला गया है।  नियम तोड़ने के रास्ते और नियम विरुद्ध कमाई के तरीके इन्हीं कर्मचारियों ने व्यापारियों को बताए हैं। इससे  इन कर्मचारियों के भी वारे न्यारे हुए हैं।

Source : ब्यूरो

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Name: धीरज मिश्रा (संपादक)

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